सोमवार, 27 अक्तूबर 2008

आह को चाहिए इक उम्र ......

मलिका - ए - गज़ल को गुज़रे ३४ साल बीत चुके हैं ,लेकिन उनकी दिलकश आवाज़ अब भी फ़िज़ा में गूंजती है । जब कभी भी बेगम अख्तर की पुरनम आवाज़ कानों में पड जाती है ,ऎसा मालूम होता है मानो वक्त ठहर गया हो । उनकी खनकती आवाज़ की कशिश अपनी ओर खींचती है ।

बेगम ने मीर , गालिब , दाग और मोमिन जैसे नामचीन शायरों के अशारों को खास बंदिशों में पेश कर कमाल कर दिया । अगर कहा जाए कि बेगम अख्तर ने गालिब को हर दिल अज़ीज़ बनाने का काम किया ,तो कुछ गलत नहीं होगा । गालिब की गज़ल - ’आह को चाहिए इक उम्र असर होने तक , कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक ’ और ’कोई उम्मीद बर नहीं आती ,कोई सूरत नज़र नहीं आती ,मौत का एक दिन मुअय्यिन है नींद क्यों रात भर नहीं आती , को श्रोताओं ने खूब पसंद किया ।

उन्होंने नए दौर के शायरों के कलाम को भी बडी सादगी से , मगर बेहद अलग अंदाज़ में पेश किया । शकील बदायुंनी की गज़ल ’ ए मुहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया / जाने क्यों आज सरे शाम से रोना आया ’ तो आज तक हर दिल में जवां है । उन्होंने कैफ़ी आज़मी , जिगर मुरादाबादी , हसरत जयपुरी के कलाम को भी सुरों की शक्ल में बखूबी ढाला । सुदर्शन फ़ाकिर की गज़ल - हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब / आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड दिया ’ अब तक लोगों की ज़बां पर है ।

गज़ल को लोकप्रिय बनाने और आम आदमी तक पहुंचाने में बेगम अख्तर का अहम किरदार रहाहै । हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के प्रति समर्पित होने की वजह से जब वो गज़ल गाती , तो वह शास्त्रीय रागों से सजी होती थी । एक ही गज़ल को कई मर्तबा वो अलग - अलग रागों में तैयार करती थीं । उनकी गायकी में लखनवी नज़ाकत और नफ़ासत का मुज़ाहिरा होता है । गज़ल के साथ उनकी गायी होली , खयाल , ठुमरी , दादरा भी खूब पसंद किए गये ।

पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान में हुए कंसर्ट काफ़ी मकबूल हुए । २६ अक्टूबर १९७४ को अहमदाबाद में स्टेज पर गाते हुए उन्हें दिल का दौरा पडा । वे उस वक्त - ’ऎ मुहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया ’ गज़ल गा रही थीं । इन लाइनों को गाने के दौरान ही वे गिर पडीं । चार दिन बाद ३० अक्टूबर को बेगम अख्तर फ़ानी दुनिया से रुखसत हो गईं । लेकिन उनकी आवाज़ का नशा अब भी लोगों को दीवाना बना देता है । उनके खनकती आवाज़ के मुरीद अब भी गुनगुनाते हैं - ज़रा धीरे से बोलो कोई सुन लेगा , ज़रा धीरे ,तुम धीरे ........।

4 टिप्‍पणियां:

Dr. Ashok Kumar Mishra ने कहा…

achchi jankari di aapney.

दीपावली की हािदॆक शुभकामनाएं । ज्योितपवॆ आपके जीवन में खुिशयों का आलोक िबखेरे, यही मंगलकामना है ।

दीपावली पर मैने अपने ब्लाग पर एक रचना िलखी है । समय हो तो आप पढें़और प्रितिक्रया भी दें ।

http://www.ashokvichar.blogspot.com

ghughutibasuti ने कहा…

बढ़िया ।
आपको व आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ।
घुघूती बासूती

Udan Tashtari ने कहा…

सही है...

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

चलते चलते ने कहा…

दिवाली की शुभकामनाएं। एक अच्‍छी रचना जो पढ़ने के लिए अच्‍छी और कुछ पुरानी बातों को ताजा करने के लिए बेहतर।