गुरुवार, 18 सितंबर 2008

किले का निजीकरण

मध्यप्रदेश के नरसिंह्गढ का परमारकालीन किला जो कभी हमारी धरोहर थी ,विरासत मानी जाती थी , उसे अब निजी हाथों के हवाले कर दिया गया है । मालवा के कश्मीर के नाम से शोहरत हासिल करने वाले नरसिंह्गढ के किले को सजाने -संवारने का जिम्मा डेनमार्क की कंपनी को सौंपा गया है । देश -विदेश के सैलानियों की खातिरदारी के लिए विदेशी कंपनी को साझॆदार बनाया गया है । कंपनी ने किले को १४ करोड रुपए में खरीद लिया है और यहां जल्दी ही हेरिटेज होटल शुरु करने जा रही है । इस किले को १७ शताब्दी में परमार शासकों ने बनवाया था । फ़िलहाल यह राजपरिवार के पास था । लेकिन हेरिटेज योजना के तहत प्रदेश की जर्जर हो चुकी ऎतिहासिक इमारतों को नए रुप और नए कलेवर के साथ सैलानियों के सामने पेश करने की पर्यटन निगम की अनूठी पहल ने नरसिंहगढ के किले के दिन फ़ेर दिए हैं । किले के आसपास का इलाका पर्यटन निगम संवारेगा और कंपनी पांच सौ करोड रुपए की लागत से होटल बनाएगी । किले के आसपास करीब ५२ एकड में यह प्रोजेक्ट आकार लेगा । पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक को उम्मीद है कि अगले साल तक नरसिंहगढ पर्यटकों के बेहतरीन ठिकाने के तौर पर तैयार होगा । चारों तरफ़ फ़ैले जंगलों के कारण यह इलाका प्रक्रति प्रेमियों को भी खूब लुभाता है ।





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