मंगलवार, 1 अप्रैल 2008
गर्मी के मौसम ने अपनी तूफ़ानी आमद दर्ज़ करा दी है। इसी के साथ लोगों के चेहरों का नूर भी फ़ीका पड्ने लगा है । बरसात और सर्दी के खुशगवार दिनों को याद कर लोग सूरज की तपिश पर आग बबूला होते नज़र आ जाएंगे ,लेकिन कोई भी इन हालात के पीछे के कारणों को न तो जानने की कॊशिश करना चाहता है और ना ही इनसे निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति तैयार करने में कोई दिलचस्पी नज़र आती है । हाल ही में एक खबर सुनने को मिली कि मध्यप्रदेश के छतरपुर ज़िले के जंगल में पानी के लिए भालू और इंसानों के बीच जमकर संघर्ष हुआ । उपजाऊ ज़मीनों पर कांक्रीट का जंगल खडा कर अपनी तरक्की पसंद सोच पर इतराने वाले इस दो पैर वाले जानवर ने दिनॊंदिन सिकुड़ते जंगलॊं पर फ़िर से अतिक्रमण शुरू कर दिया है । आधुनिकता के पर्याय बन चुके उपकरणों ने भलॆ ही हमें तात्कालिक सुख मुहैया करा दिया हो ,लेकिन हमारा आत्मिक आनंद छीन लिया है । विकास की इस आत्मघाती दौड़ में कहीं हम मानव सभ्यता को ही तो खतरे में नहीं डाल रहे ?
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12 टिप्पणियां:
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
बहुत अच्छा लिखा है। स्वागत है आपका।
नए चिट्ठे का स्वागत है. निरंतरता बनाए रखें.खूब लिखें,अच्छा लिखें.
उम्मीद है अप्रैल से आज तक दर्ज इस एक मात्र पोस्ट में जल्द ही इजाफ़ा होगा। इंतजार रहेगा अगली पोस्ट का। शुभकामनाऎं। आभार चिटठा जगत का जिनके मेल के जरिये आपके ब्लाग से परिचित हो पाया।
hamari jhoothi tarakki par apki chinta jayaj hai.kankreet k jangalo k aage vidhwans hai bas, aur kuch nahi.
दो पैर वाले जानवर ने दिनॊंदिन सिकुड़ते जंगलॊं पर फ़िर से अतिक्रमण शुरू कर दिया है ।
पानी हैं तब तक, जंगल हैं जब तक।
चिंतनीय. आभार.
हिंदी दिवस पर हिंदी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है।
आगाज सचमुच शानदार है। अंजाम और भी जानदार हो, इसके लिए शुभकामनाएं।
श्रेष्ठ कार्य किये हैं.
आप ने ब्लॉग ke maarfat जो बीडा उठाया है,निश्चित ही सराहनीय है.
कभी समय मिले तो हमारे भी दिन-रात आकर देख लें:
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://saajha-sarokaar.blogspot.com/
अच्छा बिषय आपने उठाया है। आपकी चिन्ता हम सबकी चिन्ता है। यदि हम प्रकृति को बैलेंस नहीं रखेंगे तो प्रकृति हमें बैलेंस कर देगी। लिखते रहें। मेरी शुभकामनाएँ।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है बधाई कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारें
गंभीर विषय है। ब्लाग जगत में आपका स्वागत है।
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