देश के सीधे साधे प्रधानमंत्री और शेयर बाज़ार के उतार चढाव को भी काबू ने ना कर पाने वाले चिदाम्बरम साहब गृहमंत्री बनकर भी कुछ खास नहीं कर पा रहे पाकिस्तान के खिलाफ़ । अब लगता है सरकार के नाकारापन से थक हार चुके खुफ़िया अधिकारियों ने ही पाकिस्तान को घेरने के लिए कमर कस ली है । इंतज़ार है सिर्फ़ केंद्र से हरी झंडी मिलने का ।
योजना को मंज़ूरी मिली तो कसाब टीवी पर लाइव प्रसारण के ज़रिए आतंक के आकाओं को बेपर्दा करेगा । वह खुद बताएगा सारी दुनिया को मुम्बई हमले का मकसद । पाकिस्तान का हाथ होने के सारे सबूत कसाब की मुंह ज़बानी सुनने के बाद देखना होगा कि बीच के बंदर की भूमिका निभा रहा अमेरिका क्या रुख अपनाता है ।
कहीं ऎसा ना हो कि दो बिल्लियों की लडाई में बंदर पूरी रोटी हज़म कर जाए और चालाक बिल्ली [पाकिस्तान ] बंदर को अलग ले जाकर इस तमाशे की कीमत वसूल ले और मूर्ख बिल्ली [भारत ] इसे किस्मत का खेल मानकर सब कुछ भगवान के भरोसे छोडकर अगले आतंकी हमले का इंतज़ार करे । वैसे भी पाकिस्तान की बीन पर हिंदुस्तान नाच रहा है । सबूत पर सबूत ,सबूत पर सबूत ..... ,मगर नतीजा सिफ़र ...?
वैसे भी इंटरपोल चीफ़ रोनाल्ड के. नोबल भारत में तफ़्तीश का नाटक करते रहे । पाकिस्तान पहुंचते ही जांच में पाकिस्तान के खिलाफ़ कोई सबूत ना मिलने की बात कह कर सब को चौंका दिया । आखिर क्या है पाकिस्तान की सरज़मीं में ,जो वहां कदम रखते ही सभी के सुर बदल जाते हैं । कहीं कोई ब्लैक मैजिक तो नहीं .....?