tag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post1311581041470771169..comments2023-09-16T05:51:18.539-07:00Comments on नुक्ताचीनी: छलिया चांद और छलनी का राज़ .........!sarita argareyhttp://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post-8833551405061328232008-10-18T03:08:00.000-07:002008-10-18T03:08:00.000-07:00क्या है छलिया चांद और छलनी का राज़ .........-बिल्कु...क्या है छलिया चांद और छलनी का राज़ .........<BR/><BR/>-बिल्कुल जी कमल जी से सहमत हूँ. इस पर्व के धार्मिक मह्त्व से दीगर इसे फैशन का दर्जा दिलाने का जिम्मेदार टीवी और सिनेमा ही हैं.<BR/><BR/>अच्छा आलेख.<BR/><BR/>पत्नी की तबीयत की नासाजी, फिर कुछ यात्राऐं, कवि सम्मेलन और दफ्तर-सभी मिलजुल कर कम्प्यूटर पर आने का बहुत समय नहीं दे रहे हैं. कोशिश फिर भी जारी रहती है.<BR/><BR/>क्षमाप्रार्थी हूँ गैर हाजिरी का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post-15766006819847267572008-10-18T00:36:00.000-07:002008-10-18T00:36:00.000-07:00छलिया चांद और छलनी का राज...अच्छी पोस्ट है। हाला...छलिया चांद और छलनी का राज...अच्छी पोस्ट है। हालांकि, इस पर्व का पूरा महत्व और राज मुझे पता नहीं है लेकिन इसे सबसे ज्यादा पॉपुलर बॉलीवुड ने किया। मेरे घर यह पर्व कोई नहीं मनाता क्योंकि करवा चौथ के दिन ही मेरे छोटे भाई का देहांत हुआ और इसी के अगले चार महीने बाद आई ठीक चौथ के दिन बड़े भाई ने संसार को अलविदा कह दिया। बच गया मैं सो किसी न किसी चौथ को उठामना हो जाएगा। खैर !<BR/>पति परमेश्वर के लिए यह व्रत करने वाली कई महिलाएं आज यानी चौथ के बाद अपने घर में पीटी होंगी, दहेज के लिए पीडित किया गया होगा, बीबी के संबंध दूसरों के साथ है,इसे दोहराया गया होगा, लानत और इज्जत से खिलावड हुई होगी और यह क्रम चलता रहेगा। जब तक इस पर्व के वास्तविक मर्म को समझते हुए पति पत्नी में संबंध मधुर कायम नहीं होते इस पर्व का कोई सार्थक मतलब नहीं। छलनी यह कहती है कि अपने रिश्तों को छलनी मत होने देना जैसे मेरे अंदर 72 छेद है वैसे छेद अपने रिश्तों में मत होने देना।चलते चलतेhttps://www.blogger.com/profile/00891524525052861677noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post-13456234519989758172008-10-17T21:17:00.000-07:002008-10-17T21:17:00.000-07:00दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं /दीवाली आपको मंगलमय...दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं /दीवाली आपको मंगलमय हो /सुख समृद्धि की बृद्धि हो /आपके साहित्य सृजन को देश -विदेश के साहित्यकारों द्वारा सराहा जावे /आप साहित्य सृजन की तपश्चर्या कर सरस्वत्याराधन करते रहें /आपकी रचनाएं जन मानस के अन्तकरण को झंकृत करती रहे और उनके अंतर्मन में स्थान बनाती रहें /आपकी काव्य संरचना बहुजन हिताय ,बहुजन सुखाय हो ,लोक कल्याण व राष्ट्रहित में हो यही प्रार्थना में ईश्वर से करता हूँ ""पढने लायक कुछ लिख जाओ या लिखने लायक कुछ कर जाओ ""BrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post-11925811885103167552008-10-17T10:38:00.000-07:002008-10-17T10:38:00.000-07:00बढिया है...बढिया है...खबरी!https://www.blogger.com/profile/12848517280970626867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post-24465007119892363952008-10-17T07:50:00.000-07:002008-10-17T07:50:00.000-07:00thanks for u r comment which will help me to write...thanks for u r comment which will help me to write better<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post-61543557700553571692008-10-17T06:58:00.000-07:002008-10-17T06:58:00.000-07:00बढ़िया अंदाज है आपके लिखने का..... हमारे यहां कि क...बढ़िया अंदाज है आपके लिखने का..... हमारे यहां कि कहावत थोड़ी भिन्न है। हमारे यहां कहा जाता है---.<BR/>सूप दूषे(दोष निकाले)चलनी को जिसमें खुद ही 72 छेद <BR/>मेरे विचार से ....शायद इसमें चलनी को बचाया गया है.संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post-52770909113425063662008-10-17T06:20:00.000-07:002008-10-17T06:20:00.000-07:00सरिता जी अच्छा विचार है आपका . मेरा मानना है कि हम...सरिता जी अच्छा विचार है आपका . मेरा मानना है कि हमारे पूर्वजों की चलायी हुईं अधिकतर प्रथाएं अपनी शुरुआत के समय वैज्ञानिक ही थीं . और उनमें से अधिकतर अभी भी वैज्ञानिक हैं . हाँ यह अलग बात है कि कुछ की व्याख्या हम समझ गये हैं और बाकी की समझना अभी बाकी है . हो सकता है कि छलनी का घर में होना सुनिश्चित करने के लिए यह प्रथा चलाई गयी हो . अब प्रथा चलाने वाले तो यहाँ हैं नहीं जो बता देते हमें अनुमान से ही निर्धारित करना पडेगा . पर इतना तय है कि किसी बात को बिना विचार किए सही मान लेना जितना बडा अंधविश्वास है उतना ही बडा अंधविश्वास उसको विना विचारे गलत मान लेना भी है . ऐसा मेरा मानना है .विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1051165835151252409.post-9890109162841431572008-10-17T06:00:00.000-07:002008-10-17T06:00:00.000-07:00क्या है छलिया चांद और छलनी का राज़ .........!bahut ...क्या है छलिया चांद और छलनी का राज़ .........!<BR/>bahut sunder lekh<BR/>ab sab baglen jhank rahe he<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.com